GIFT गिफ्ट या उपहार
दोस्तों , बहुत हुआ अब आगे नहीं। क्या आप भी अपने बच्चों का भविष्य सँवारने की चिंता से परेशान है ?
क्या आपका बच्चा आपकी सोंच से कुछ अलग कर रहा है?
आप चाहते है की वह डॉक्टर या आईएएस/आईपीएस बने लेकिन वह खेलों मे ही लगा रहता है !
आप चाहते की वह पढ़ लिख कर इंजीनियर या बड़ा वकील बने लेकिन वह बड़े बड़े अभिनेताओं के नकल अभिनय मे लगा रहता है !
तो न आप गलत है न आपका बच्चा ।
यदि कुछ गलत है तो आपके और आपके बच्चे के बीच एक अनजानी दूरी।
क्या आप होना चाहते है मुक्त इस प्रकार की सभी परेशानियों से ? अभी तुरंत, तो आपको करना है सिर्फ एक काल, श्रीमती आर्या गीता देवांगन को और नंबर है 8319054089
तो उठाइए फोन और कीजिए एक काल और पाइए अपनी परेशानियों का तुरंत समाधान ।
लेकिन यदि आप थोड़ा विस्तार से जानना चाहते है हमारे बारे मे और क्या है वो अत्याधुनिक पद्धति जिससे हम दिलाएंगें आपको आपकी परेशानियों से छुटकारा तो हम लेना चाहेंगे आपका थोड़ा समय ।
सीधा सरल प्रामाणिक और साइंटिफिक उपाय ।
तो चलिए हम बताते है आपको इसका सीधा सरल प्रामाणिक और साइंटिफिक उपाय ।
दोस्तों यदि हम आपसे पूछे की आपको सबसे मूल्यवान GIFT किसने और कब दिया ? आप इस सवाल को सुन कर थोड़ा असहज हो सकते है ? शायद आप यह याद करने की कोशिश करने लगे की आप को सबसे मूल्यवान गिफ्ट किसने और कब दिया है।
तो चलिए हम आपको बता देते है । आपको सबसे मूल्यवान गिफ्ट स्वयं ईश्वर ने अपने हाथों दिया है । यह गिफ्ट आपका शरीर और जीवन है । यह गिफ्ट, जो अनमोल है , ईश्वर सभी को देता है । आवश्यकता इस बात की है की आप और हम सभी इसकी वैल्यू पहचानें।
यदि नाविक को समुद्र मे सही दिशा का ज्ञान न हो तो वह कभी बंदरगाह पर नहीं पहुँच सकेगा । इसी बात को ध्यान मे रख कर समुद्र मे लाइट हाउस या प्रकाश स्तम्भ लगाए जाते है। नाविक अपने साथ सदैव कम्पास या दिशा सूचक यंत्र इसी कारण रखते है।
इस बात से एक महत्वपूर्ण तथ्य निकलता है की व्यक्ति को उसके स्वयं के बारे मे यदि सही सूचना समय या समय से पहले मिल जाए तो उसे निर्णय लेने मे आसानी होती है, और वह अपने लक्ष्य तक आसानी से पहुँच सकता है ।
नाविक के लिए प्रकाश स्तम्भ या दिशा सूचक यंत्र सबसे बड़ा गिफ्ट ही तो है । इस यंत्र की भौतिक कीमत कुछ भी हो किन्तु वह है अनमोल।
दोस्तों हममें से अधिकांश लोगों के जीवन का सामान्य क्रम कुछ उसी तरह के नाविक जैसा है जिसे समुद्र मे प्रकाश स्तम्भ नहीं दिखाई दे रहा और उसके पास दिशा सूचक यंत्र भी नहीं है । ऐसी परिस्थिति में अधिकांश लोग एक अंदाज के सहारे ही सारे प्रयास करते रहते है, लेकिन या तो वे सफलता पाते ही नहीं या उन्हे आधी अधूरी सफलता भी अथक प्रयासों के बाद मिलती है ।
अपनी स्वयं की ज़िंदगी तो अब तक बगैर किसी दिशा सूचक यंत्र के जैसे तैसे बिताते रहने के लिए विवश होने के बाद अब अधिकांश लोग अपने बच्चों का जीवन भी वैसे ही नहीं बनाना चाहते है।
लेकिन अब अधिकांश लोगों के सामने यह चुनौती है की आखिर उन्हे कौन दिशा बताएगा , कौन उनके बच्चों के लिए प्रकाश स्तम्भ का काम करेगा ।
यह सच है की आज से कुछ समय पहले तक परिस्थितियाँ उतनी ही कठिन थी । माता -पिता के लिए यह जानने का कोई तरीका या साधन नहीं था कि वे अपने बच्चों के लिए उज्जवल भविष्य की नींव रख सकें । चाहते सभी है ,लेकिन सटीक और प्रामाणिक तरीकों के अभाव मे लालची और अधूरा ज्ञान रखने वालों के संपर्क मे आ कर, जहां एक और अपना धन, समय और ऊर्जा व्यर्थ करते थे वहीं दूसरी और अपने बच्चों का भविष्य भी अंधकार से भर देते थे। हो सकता है आज भी ऐसी परंपरा जारी हो ।
लेकिन अब आप के पास एकदम सटीक, प्रामाणिक और साइंटिफिक उपाय उपलब्ध है। और यही है गिफ्ट ।
अब आपको दर-दर भटक कर अपना धन,समय, और ऊर्जा व्यर्थ करने की कोई आवश्यकता नहीं।
आप अपने बच्चों को एक सुनिश्चित सुनहरा भविष्य आसानी से दे सकते हैं।
आइए जानते है है गिफ्ट क्या है और यह कैसे काम करता है?
दोस्तों आसान भाषा मे कहें तो गिफ्ट आप और आपके बच्चे के लिए वही कार्य करता है जो एक नाविक के लिए समुद्र मे प्रकाश स्तम्भ या दिशा सूचक यंत्र करता हैं।
GIFT
GIFT अर्थात Genious Identification Fingerprint Test ।
जैसा कि नाम से स्पष्ट है आपके बच्चे के अंदर छुपे हुए जीनियस की पहचान करना। वह भी अत्यंत सरल पद्धति से । जी हाँ, सिर्फ Fingerprint Test यानि अंगुलियों की छाप के आधार पर।
सच्चाई यह है की हम जन्म पत्रिका के आधार पर ही सब कुछ माँ लेते है , जब की जन्म पत्रिका , वह भी यदि बिल्कुल सही सही हो तो ।,( जो बहुत मुश्किल है ) एक अनुमान या संकेत दे सकती है । किन्तु गिफ्ट आज की लेटेस्ट टेक्नॉलजी DMIT पर आधारित साइंटिफिक तरीका है ।
आपके मन मस्तिष्क मे स्वाभिक प्रश्न होगा की DMIT क्या है ।
चलिए हम बताते है ।
डर्माटोग्लिफ़िक्स मल्टीपल इंटेलिजेंस टेस्ट क्या है?
इसे DMIT टेस्ट भी कहा जाता है
डर्माटोग्लिफ़िक्स मल्टीपल इंटेलिजेंस टेस्ट फ़िंगरप्रिंट पैटर्न का वास्तव में वैज्ञानिक अध्ययन है। यह एक महान व्यक्ति की क्षमता और व्यक्तित्व प्रकार को समझने में मदद करेगा। डर्माटोग्लिफ़िक्स मल्टीपल इंटेलिजेंस टेस्ट (DMIT) न्यूरोसाइंस, जेनेटिक्स, डर्माटोग्लिफ़िक्स, साइकोलॉजी और एम्ब्रियोलॉजी की समझ पर आधारित है। डीएमआईटी टेस्ट असेसमेंट पद्धति वैज्ञानिकों और चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा तैयार की गई है। DMIT टेस्ट को पूरी दुनिया ने और प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों से भी स्वीकार किया है। चिकित्सा विशेषज्ञों और स्वीकृत क्लीनिकल अनुभवों ने पुष्टि की है कि उंगलियों के निशान इंसानों का सटीक विश्लेषण प्रदान करते हैं । यह आपके भीतर छुपी हुई मल्टीपल इंटेलिजेंस और जन्मजात क्षमता को बताता है । परंपरागत रूप से बुद्धि परीक्षण अर्थात आईक्यू टेस्ट का उपयोग बुद्धि की डिग्री के लिए मापने का पैमाना रहा है। लेकिन अब स्कूल कॉलेज और शैक्षणिक संस्थानों के क्षेत्र में डर्माटोग्लिफ़िक्स मल्टीपल इंटेलिजेंस टेस्ट का उपयोग प्रचलित हो चूका है । मानव संसाधन प्रबंधन मे , बच्चों की याददाश्त बढ़ाने के लिए , करियर मार्गदर्शन और करियर परामर्श के लिए इसका उपयोग काफी बड़े स्तर पर होने लगा है।
फ़िंगरप्रिंट और त्वचा पर मौजूद रिज पैटर्न प्रत्येक व्यक्ति के साथ अलग अलग होते है । यहां तक कि जुड़वा बच्चों के फिंगरप्रिंटस के बीच भी अंतर होता हैं। इस पद्धति मे उंगली पर मौजूद पेटर्न और विभिन्न प्रकार की शैलियों की पहचान करके आपके बच्चों की छुपी हुई आंतरिक क्षमता की खोज की जाती है ।
आखिर फिंगर प्रिन्ट और मस्तिष्क का संबंध है ?
फ़िंगरप्रिंट और मस्तिष्क कनेक्शन ।
उंगलियों के निशान वास्तव में बच्चे के दिमागी विकास से नजदीक से जुड़े होते हैं। आमतौर पर गर्भ मे भ्रूण के 13वें से 19वें सप्ताह के दौरान उंगलियों के निशान विकसित होते हैं। 13वें सप्ताह से भ्रूण के अंदर उंगलियों के निशान विकसित होने लगते हैं। वास्तव में यह 24वें सप्ताह तक बन जाता है। कई शोध पत्र फिंगरप्रिंट पैटर्न और मानव मस्तिष्क लोब के बीच लिंक के विषय पर अब तक प्रकाशित हो चुके हैं।
क्या बताती है फिंगरप्रिंट ?
उंगलियों के निशान में मौजूद रिज के गठन और मात्रा के आधार पर ब्रेन लोब का विश्लेषण किया जा सकता है।
विशेषज्ञ डाक्टर्स पुष्टि करते हैं की है कि प्रत्येक व्यक्ति के उंगलियों के निशान अद्वितीय हैं।
फ़िंगरप्रिंट विभिन्न प्रकार की विशेषताओं को प्रदर्शित करते हैं, यहाँ तक कि एक जैसे जुड़वाँ बच्चों के फिंगरप्रिंटस भी अलग अलग होते हैं।
फ़िंगरप्रिंट का विकास ब्रेन के अलग अलग हिस्सों के अनुपात और वितरण पर निर्भर करता है।
सीखने में कठिनाई वाले बच्चों के उँगलियों के निशान प्रतिभाशाली बच्चों की तुलना में भिन्न होंगे।
दुनिया के कई विकासशील देश जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका, स्वीडन, जापान और ताइवान लंबे समय से डीएमआईटी टेस्ट का उपयोग कर रहे हैं।
DMIT टेस्ट की सहायता से ने स्वीडन, इंडोनेशिया, जर्मन, मलेशिया, सिंगापुर और थाईलैंड में लाखों स्कूल, कॉलेज के छात्रों का भविष्य सँवारने में सहायता की है।
हमारे देश यह पद्धति पिछले कुछ वर्षों से प्रचलन मे आई है । भारत के लिए यह एक अत्यंत आधुनिक और साइंटिफिक पद्धति है । लेकिन अब हमारे देश में भी इस पद्धति के प्रति लोगों मे रुचि तेजी से बढ़ रही है ।
अब तक सैकड़ों लोगो ने इस पद्धति से लाभ लेकर अपने बच्चों का भविष्य उनकी रुचि के अनुसार निखारा है ।
दोस्तों , अब आपकी बारी है की आप भी इस पद्धति का लाभ लेकर तुरंत अपना धन,समय और ऊर्जा बचाते हुए अपने बच्चों को उनकी रुचियों के अनुसार एक सुनहरा भविष्य दें ।
तो अभी समय है आप अपने बच्चों के सुनहरे भविष्य के लिए कदम उठायें । हमारा संपर्क सूत्र है
श्रीमती आर्या गीता देवांगन GIFT कैरियर काउन्सलर फोन नंबर 8319054089
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धन्यवाद