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हम आपकी मदद कैसे करते हैं ?

आजकल के माता-पिता की अधिकतर ये शिकायत रहती हैं कि –
1. उनका बच्चा पूरे दिन टीवी, विडियो गेम या मोबाईल में बिजी रहता है।
2. उनका पढ़ाई में मन नहीं लगता है, उसका शैक्षिक प्रदर्शन भी कम होता जा रहा है।
3‐ उसका व्यवहार खराब होता जा रहा है, या वह पलट कर जबाब देता है कहना नहीं मानता या उसका गुस्सा दिनों दिन बढ़ता जा रहा है।
इन समस्याओं का समाधान माता-पिता अधिकतर यृट्यूब, किताब आदि में ढूढते हैं पर उसमें मात्र अस्थायी उपाय मिलता है। और थक हारकर बच्चे को भगवान भरोसे छोड़ देते हैं। पर यदि मैं आपको एक ऐसा साइंटिफिक टूल बता दूं, जिससे आपको इसका स्थायी समाधान मिल जाए।
तो आप क्या कहेंगे क्या इन सबका कोई परमानेन्ट साइंटिफिक सोलूशन उपलब्ध है? हाॅं, बिल्कुल उपलब्ध है और इसका नाम है जीआईएफटी या गिफ्ट, जो कि डीएमआईटी का एडवांस्ड वर्ज़न है। जो कि बच्चे के गाॅड गिफ्टेड टैलेन्ट को जानने का साइंटिफिक टेस्ट है, जिसे कहते हैं जीनियस आइडेन्टिफिकशन फिंगरप्रिंट टेस्ट।

बच्चों में दो प्रकार के टैलेन्ट होते है। पहला है अर्जित प्रतिभा जो वह पैदा होने के बाद कमाता है, जिसके लिए उसे समय देना पड़ता है वह सीखता है, कितना सीखा यह जानने के लिए एक्ज़ाम होता है और फिर बच्चे के पाये गए नंबर के आधार पर पता चलता है कि वह किस विशय में अच्छा है और किस विशय में कमजोर। आप ओर हममें से ज्यादातर माता-पिता इसी प्रतिभा की ओर ही ध्यान देते हैं और इससे ही बच्चे का मूल्यांकन करते हैं।

पर क्या आप जानते हैं कि दुनिया के टाॅप 3 प्रतिशत लोग हैं जो सबसे ज्यादा सक्सेसफुल हैें, वो अर्जित प्रतिभा से नहीं जन्मजात प्रतिभा से हुए हैं। पर हमारी शिक्षा व्यवस्था में और परंपरागत पालन पोषण में बच्चों के जन्मजात प्रतिभा को जानने की कोई व्यवस्था ही नहीं है।

अगर आप चाहते हो कि आपका बच्चा टाॅप 3 प्रतिशत लोगों में शामिल हो। वह अपनी जिंदगी में सफलता की ऊॅचाइयों को छुए। और अपने काम करते हुए वह सातों दिन छुट्टियों जैसा अनुभव कर सके। तो इसका उपाय है उसकी जन्मजात प्रतिभा के आधार पर उसके कैरियर का चुनाव।
सचिन तेंदुलकर हो, लता मंगेशकर हो या अमिताभ बच्चन हो इन्होंने अपनी जन्मजात प्रतिभा के अनुसार अपने कैरियर का चुनाव किया इसलिए अपनी लाइफ में ज्यादा सफल हैं। अब आपसे मैं एक प्रश्न करना चाहती हूॅ? लता मंगेशकर यदि साइंटिस्ट होती, सचिन तेंदुलकर डाॅक्टर और अमिताभ बच्चन इंजीनियर तो क्या इतने सफल होते? आपका उत्तर होगा नहीं।
इसलिए सबसे अच्छा रास्ता यह है कि बच्चे की जो जन्मजात प्रतिभा के साथ में उसके अर्जित प्रतिभा या कौशल विकास हमें करना चाहिए।
परंतु दुनिया के 97 प्रतिषत माता-पिता को अपने बच्चे का गाॅड गिफ्टेड टैलेन्ट पता ही नहीं है ।
लेकिन यदि आप अपने बच्चे के ब्रेन के पावर को जानना चाहते है उसकी सीखने की शैली जानना चाहते हैं। उसके जन्मजात प्रतिभा के आधार पर उसके कैरियर का चुनाव करना चाहते हैं तो एक टेस्ट है जिसका नाम है जी आई एफ टी। जिसे ज्यादातर लोग डी एम आई टी भी कहते हैं। जीआईएफटी, डी एम आई टी का ही उन्नतरूप है।
इस साइंटिफिक प्रक्रिया मंे बच्चे का फिंगर प्रिट लेकर उसका कम्प्युटराइज्ड साइंटिफिकली विश्लेषण किया जाता है। वास्तव में फिंगर प्रिन्ट का सीधा संबंध बच्चे के मष्तिष्क के विकास से होता है। इसी विश्लेषण के माध्यम से साफ्टवेयर द्वारा बच्चे का डीएमआईटी रिपोर्ट निकाला जाता है। फिर इस डीएमआईटी रिपोर्ट का विश्लेषण काउंसलर्स द्वारा किया जाता है। फिर माता पिता की सुविधा एवं काउंसलर की उपलब्धता के अनुसार काउंसलिंग का एक समय निश्चित किया जाता है उसी निर्धारित समय पर मातापिता व काउंसलर बैठते हैं और करीब डेढ़ घंटे की मीटिंग होती है। जिसमें बच्चे की समस्याओं से संबंधित सभी सवालों को न सिर्फ हल किए जाते हैं अपितु बच्चे का कैरियर संबंधी प्रदर्शन किस किस फिल्ड में आउटस्टैण्डिंग होगा इस हेतु कुछेक विकल्प मां बाप को बोनस के रूप में दिए जाते हैं।

अगर आप अपने बच्चे के किसी बिहैवियर से परेशान है या उसके लिए एक आदर्श कैरियर की पहचान करना चाहते हैं तो आप नीचे दिए गए नंबर पर सम्पर्क कर जीआईएफटी टेस्ट हेतु अप्वाइंटमेनट ले सकते है-
08319054089

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Mrs. Arya Geeta Dewangan
कैरियर काउंसलर 
फैमिली रिलेशनशिप काउंसलर 
एक वैदिक विदुषी
लेखिका 
यू ट्यूबर 
ब्लॉगर 
स्नातक में पांच विषयों में गोल्ड मेडलिस्ट 
नवसृजन महिला समिति की संस्थापिका अध्यक्षा